शतरंज, जो सदियों से अपनी गरिमा और रणनीति के लिए जाना जाता रहा है, अब एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है। 2025 में, रियाद में होने वाले पहले ईस्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में शतरंज को शामिल किया जाना इस बात का प्रमाण है कि यह खेल कितनी तेजी से बदल रहा है। इस डिजिटल क्रांति में, भारतीय खिलाड़ी भला कैसे पीछे रह सकते हैं?
ईस्पोर्ट्स की नई बिसात पर भारत का सितारा
भारत के सर्वोच्च रेटेड खिलाड़ियों में से एक, अर्जुन एरिगैसी, ने Gen G eSports के साथ करार कर इस नए सफर का आगाज किया है। टीमों के बीच शीर्ष प्रतिभाओं को अपने खेमे में लाने की होड़ मची है, क्योंकि सिर्फ 16 खिलाड़ी ही अंतिम टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर पाएंगे। $1.5 मिलियन की भारी-भरकम इनामी राशि के साथ, यह सिर्फ खेल नहीं, एक बड़ा आयोजन है।
एरिगैसी को मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा जैसे दिग्गजों से हुई बातचीत ने इस नई चुनौती को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके मन में शायद यह विचार आया होगा कि जब शतरंज के `रॉकस्टार` इसमें शामिल हो सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं? वियतनामी-चीनी ईस्पोर्ट्स संगठन AG ग्लोबल ने 2024 के विश्व रैपिड चैंपियन वोलोडार मुर्ज़िन को भी साइन किया है।
अनोखा प्रारूप: माउस स्पीड का महत्व
ईस्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में शतरंज एक बिल्कुल नए प्रारूप में खेला जाएगा: प्रत्येक खिलाड़ी को पूरे खेल के लिए केवल दस मिनट मिलेंगे, जिसमें कोई इंक्रीमेंट नहीं होगा। पारंपरिक ओवर-द-बोर्ड शतरंज में, एरिगैसी बिना इंक्रीमेंट वाले टाइम कंट्रोल के प्रशंसक नहीं रहे हैं, क्योंकि अंतिम क्षणों में अक्सर अराजकता फैल जाती है और मोहरे गिरते रहते हैं। लेकिन, कंप्यूटर पर खेले जाने वाले इस प्रारूप के लिए वह तैयार हैं। यहाँ उनकी शतरंज कौशल के साथ-साथ `माउस स्पीड` भी एक महत्वपूर्ण कारक होगी।
उन्होंने ESPN को बताया, “मैं माउस के साथ ठीक-ठाक हूँ, लेकिन मुझे इसमें और तेज होने का अभ्यास करना होगा।” इसे रैपिड शतरंज कहने के बजाय, एरिगैसी इसे `धीमी ब्लिट्ज` कहना पसंद करते हैं – एक ऐसा दिलचस्प मिश्रण जहाँ गति और सटीकता दोनों की परीक्षा होगी। यह देखना वाकई मजेदार होगा कि कैसे एक शास्त्रीय खिलाड़ी की किस्मत माउस क्लिक पर निर्भर करती है!
पिछले विश्व रैपिड में उनके अच्छे प्रदर्शन ने उन्हें इस प्रारूप में बेहतर महसूस कराया है। हालांकि, वह आम तौर पर शास्त्रीय और ब्लिट्ज में रैपिड की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
केवल खेल से बढ़कर: नए अनुभव और संतुलन
इस नई यात्रा के पीछे केवल खेल ही नहीं, कुछ व्यावहारिक कारण भी हैं। सऊदी अरब की यात्रा का अवसर और सबसे महत्वपूर्ण, यह टूर्नामेंट उनके लिए बहुत अधिक समय लेने वाला नहीं है। केवल चार दिनों का यह आयोजन, कैंडिडेट्स के लिए पहला क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट (FIDE ग्रैंड स्विस) शुरू होने से एक महीने से भी अधिक समय पहले समाप्त हो जाएगा। यह एक स्मार्ट चाल है, जहाँ जोखिम कम और अनुभव अधिक है।

अडिग लक्ष्य: कैंडिडेट्स टूर्नामेंट
इन सभी नए प्रयोगों और रोमांच के बावजूद, अर्जुन एरिगैसी का 2025 का मुख्य लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है: वह अगले साल के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करना चाहते हैं। इस टूर्नामेंट का विजेता डोम्माराजू गुकेश को अगले विश्व चैंपियनशिप में चुनौती देगा। पिछले साल वह फैबियानो कारुआना से बाल-बाल चूक गए थे, लेकिन अभी सात और स्थान बाकी हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रैंड स्विस और इस साल के अंत में होने वाले FIDE वर्ल्ड कप के माध्यम से मिलेंगे।
साल की शुरुआत उनके लिए खास अच्छी नहीं रही, खासकर वाईक आन ज़ी में टाटा स्टील चेस मास्टर्स में उनके प्रदर्शन के बाद, हालांकि उन्होंने नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव और गुकेश के खिलाफ जीत दर्ज की। उन्होंने स्वीकार किया, “निश्चित रूप से, यह साल की बहुत खराब शुरुआत है, लेकिन कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफिकेशन के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण साल है।”
भविष्य पर नजर, आत्मविश्वास से भरपूर
अपने प्रदर्शन पर विश्वास जताते हुए एरिगैसी कहते हैं, “अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता हूँ तो मुझे क्वालीफाई करने का पूरा भरोसा है। पहला क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट सितंबर में है – ग्रैंड स्विस। उसमें अभी काफी समय है, इसलिए पहले मेरा ध्यान अच्छा खेलने और उन सभी टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करने पर है जिनमें मैं भाग लेता हूँ। अगर मैं अपनी रेटिंग बनाए रखता हूँ, तो भले ही मैं अन्य स्थानों से चूक जाऊँ, मैं अपनी रेटिंग के माध्यम से कैंडिडेट्स में प्रवेश कर सकता हूँ।”
वाईक आन ज़ी में खराब प्रदर्शन के बाद उनकी रेटिंग को 2800 के शिखर से थोड़ा झटका लगा है, लेकिन एरिगैसी ने पहले भी दिखाया है कि वह वापसी करने और अपने दिन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को हराने में सक्षम हैं। अब उन्हें शतरंज के इस सबसे नए मंच, ईस्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में यह दिखाने का मौका मिलेगा। खेल के नए आयामों को अपनाने की उनकी यह मानसिकता शतरंज के लिए बहुत अच्छी है, क्योंकि यह इसे वास्तव में एक वैश्विक खेल बनाने की दिशा में एक कदम है। लेकिन इन सभी प्रयोगों और नवाचारों के बीच भी, एरिगैसी की आँखें मजबूती से अंतिम ताज – शास्त्रीय विश्व चैंपियनशिप – पर टिकी हुई हैं। यह उस खिलाड़ी की कहानी है जो आधुनिकता को गले लगाता है, लेकिन अपनी जड़ों और सर्वोच्च महत्वाकांक्षा को कभी नहीं भूलता।