स्पेन का खूबसूरत शहर वालेंसिया, जो अपने जीवंत संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों और लाजवाब व्यंजनों के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक और कारण से सुर्खियों में रहा – शतरंज। जी हां, यह शहर सिर्फ अपने संतरे और कला के लिए ही नहीं, बल्कि शतरंज के इतिहास में एक बेहद खास मुकाम रखता है। हाल ही में, वालेंसिया ने एक ऐतिहासिक पल का जश्न मनाया: आधुनिक शतरंज के 550 वर्ष पूरे होने का। और इस जश्न में चार चांद लगाने पहुंचे शतरंज जगत के महानतम खिलाड़ियों में से एक, पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद, जो अब अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) के उपाध्यक्ष भी हैं।
वालेंसिया बना आधिकारिक `शतरंज दिवस` का घर
इस ऐतिहासिक वर्षगांठ के सम्मान में, वालेंसिया की संसद ने एक बेहद महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय निर्णय लिया है। अब हर साल 15 मई को आधिकारिक तौर पर `शतरंज दिवस` के रूप में मनाया जाएगा। यह निर्णय शहर के विधानमंडल की शिक्षा समिति में सर्वसम्मति से पारित हुआ, जिसमें सभी राजनीतिक समूहों ने शतरंज के महत्व और वालेंसिया से आधुनिक शतरंज के उद्गम के जुड़ाव पर जोर दिया।
लेकिन 15 मई ही क्यों? इस तारीख का सीधा संबंध 15 मई 1495 से है, जब फ्रांसेस्क विसेंट (Francesch Vicent) की पुस्तक, आधुनिक शतरंज पर दुनिया की पहली मुद्रित पुस्तक, वालेंसिया में छपी। यह पुस्तक उन नए नियमों का विस्तार से वर्णन करती है जो लगभग दो दशक पहले, यानी 1475 के आसपास, वालेंसिया में ही विकसित हुए थे। इन नियमों में सबसे क्रांतिकारी बदलाव था रानी (Queen) की चालों में आई असीमित शक्ति। इससे पहले, रानी एक कमजोर मोहरा हुआ करती थी, लेकिन वालेंसिया में हुए बदलावों ने उसे आज के सबसे शक्तिशाली मोहरे के रूप में स्थापित किया। इस बदलाव का प्रारंभिक प्रमाण `स्काक्स डी`अमोर` (Scachs d’amor) नामक एक प्रसिद्ध कविता में मिलता है, जिसे वालेंसिया के तीन कवियों ने लगभग 1475 में लिखा था।
15 मई को शतरंज दिवस के रूप में घोषित करना, वालेंसिया की इस महान विरासत को एक स्थायी सम्मान देने जैसा है। यह क्षेत्र में शतरंज को बढ़ावा देने और इसके विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय वालेंसिया के लिए गर्व का पल है, यह स्वीकार करते हुए कि इतिहास की बिसात पर उनकी चाल कितनी महत्वपूर्ण थी।
विश्वनाथन आनंद का ऐतिहासिक दौरा
550वीं वर्षगांठ के जश्न का एक मुख्य आकर्षण रहे विश्वनाथन आनंद का वालेंसिया दौरा। 15 और 16 मई को उनका शहर में होना शतरंज प्रेमियों के लिए किसी सपने से कम नहीं था। दो दिवसीय व्यस्त कार्यक्रम, जो हर उम्मीद से बढ़कर साबित हुआ, हर किसी की यादों में बस गया।
15 मई को, उनका स्वागत वालेंसिया की मेयर मारिया जोस कैटाला (María José Catalá) ने किया। मेयर ने वालेंसिया के लिए इस ऐतिहासिक मौके पर आनंद जैसे दिग्गज की मेजबानी करने पर गर्व व्यक्त किया और उनकी विनम्रता व शतरंज की बिसात पर प्रतिद्वंद्वी के मन को भांपने की अद्भुत क्षमता की सराहना की। आनंद और मेयर के बीच भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ के साथ सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, ताकि दुनिया भर में लोग आधुनिक शतरंज के वालेंसियाई उद्गम के बारे में जान सकें। जाहिर है, आधुनिक शतरंज के जन्मस्थान से बेहतर इस कहानी को सुनाने वाला और कौन हो सकता है?
उसी दिन दोपहर में, आनंद ने पेटकिना स्पोर्ट्स एंड कल्चर कॉम्प्लेक्स (Petxina Sports and Culture Complex) में स्थित `वालेंसिया, शतरंज का उद्गम, 1475` नामक स्थायी प्रदर्शनी का दौरा किया। इतिहासकार और शोधकर्ता जोस ए. गारज़ोन (José A. Garzón) ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें प्रदर्शनी के बारे में बताया, जिसमें आधुनिक शतरंज के वालेंसियाई उद्गम और नए नियमों के यूरोप में प्रसार को दर्शाया गया है। यहां, आनंद ने उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रतिकृतियां देखीं जिन्होंने शतरंज के स्वरूप को हमेशा के लिए बदल दिया। यह प्रदर्शनी 2022 में जोड़ी गई एक कॉमिक स्ट्रिप द्वारा और भी समृद्ध हुई है, जो फ्रांसेस्क विसेंट के जीवन और कार्य को दर्शाती है – एक ऐसा व्यक्ति जिसने शायद अनजाने में ही शतरंज की दुनिया में क्रांति ला दी।
वालेंसिया में रहते हुए, आनंद को शहर के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को जानने का भी अवसर मिला। उन्होंने वालेंसिया कैथेड्रल (और वहां रखे जाने वाले पवित्र ग्रेल, अगर किंवदंतियों पर विश्वास किया जाए), सिल्क एक्सचेंज और सैन निकोलस चर्च जैसे स्थलों का दौरा किया। ट्रिब्यूनल डी लास एगुआस (Tribunal de las Aguas) के सत्र में भी वे शामिल हुए और सम्मान पुस्तक पर हस्ताक्षर किए। स्थानीय व्यंजनों का भी उन्होंने भरपूर आनंद लिया, जिनकी उन्होंने काफी प्रशंसा की।
ला नाऊ कल्चरल सेंटर में मास्टरक्लास: शतरंज की बारीकियां आनंद की जुबानी
16 मई को, वालेंसिया विश्वविद्यालय के ला नाऊ कल्चरल सेंटर के औला मैग्ना (Aula Magna) में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ – विश्वनाथन आनंद की मास्टरक्लास। यह 550वीं वर्षगांठ समारोह के सबसे प्रतीक्षित पलों में से एक था। हॉल पूरी तरह से शतरंज प्रेमियों से भरा हुआ था – एक ऐसा दृश्य जो दिखाता है कि इस `दिमागी खेल` की लोकप्रियता आज भी कितनी जबरदस्त है।
आनंद ने अपनी कुछ सबसे प्रसिद्ध गेम्स का विश्लेषण किया, जिससे दर्शकों को एक विश्व चैंपियन के सोचने के तरीके की झलक मिली। सत्र अत्यधिक संवादात्मक था; आनंद ने दर्शकों को महत्वपूर्ण स्थितियों में संभावित चालें सुझाने और योजनाओं पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया। यह शतरंज की बिसात पर रचनात्मकता और जटिल समस्याओं को सुलझाने की प्रक्रिया का एक बेहतरीन उदाहरण था, जो शायद कुछ लोगों के लिए शतरंज के सॉल्वर से ज्यादा रोमांचक था।
मास्टरक्लास के दौरान, आनंद ने स्पेनिश ओपनिंग (जिसे रूय लोपेज़ ओपनिंग भी कहते हैं) पर भी बात की और इसे रणनीति और तकनीक सीखने के लिए एक आदर्श ओपनिंग बताया। और हां, इस ओपनिंग का नाम जिस रूय लोपेज़ डी सेगुरा (Ruy López de Segura) के नाम पर है, उनकी 1561 की प्रसिद्ध पुस्तक की एक प्रति भी उन्होंने देखी, जो वालेंसिया विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक पुस्तकालय में संरक्षित है और वर्तमान में प्रदर्शनी में है। इतिहास खुद को शतरंज की बिसात पर दोहराता है, या शायद यह सिर्फ एक संयोग था? खैर, जैसा कि आनंद खुद जानते हैं, शतरंज में संयोग कम ही होते हैं।
पूरे दौरे के दौरान, प्रशंसकों ने आनंद से ऑटोग्राफ और तस्वीरें लेने का मौका नहीं छोड़ा। किताबों से लेकर शतरंज की बिसात तक, हर जगह उनके हस्ताक्षर की मांग रही। इसमें कोई संदेह नहीं कि आनंद शतरंज और उसके मूल्यों के लिए एक बेहतरीन राजदूत हैं – विनम्रता, बुद्धिमत्ता और खेल भावना।
विश्वनाथन आनंद ने अपनी महारत और विनम्रता से सभी को प्रभावित किया। उनका वालेंसिया दौरा एक अविस्मरणीय स्मृति बनकर रहेगा। भारत का प्राचीन शतरंज के अभ्यास में योगदान निर्विवाद है; यह दौरा शतरंज के अतीत और भविष्य के बीच एक मजबूत पुल साबित हुआ है – वालेंसिया के माध्यम से भारत और स्पेन के बीच एक अटूट संबंध। वालेंसिया अब गर्व से आधुनिक शतरंज के उद्गम स्थल के रूप में अपनी पहचान मना रहा है, और 15 मई को `शतरंज दिवस` के रूप में मनाना इस महत्वपूर्ण विरासत का एक स्थायी सम्मान है, जो भविष्य की पीढ़ियों को भी इस कहानी को याद दिलाता रहेगा।