शतरंज के रण में भारतीय शेरनियों की दहाड़: महिला विश्व कप 2025 में दांव पर विश्व चैंपियन का ताज!

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जॉर्जिया के खूबसूरत शहर बटुमी में FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 का भव्य आगाज हो चुका है। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि दिमागों का महासंग्राम है, जहां 107 शीर्ष महिला खिलाड़ी शतरंज की बिसात पर अपनी रणनीति और कौशल का प्रदर्शन करेंगी। तीन हफ्तों तक चलने वाली यह मानसिक मैराथन न केवल प्रतिष्ठित विश्व कप खिताब तय करेगी, बल्कि 2026 FIDE महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तीन बहुप्रतीक्षित स्थान भी प्रदान करेगी – वह टूर्नामेंट जिसका विजेता मौजूदा विश्व चैंपियन जू वेंजुन को चुनौती देगा।

भारतीय चुनौती: हुम्पी के नेतृत्व में नौ `शेरनियां`

भारतीय शतरंज प्रेमियों की निगाहें विशेष रूप से अपनी नौ `शेरनियों` पर टिकी हैं, जो तिरंगे का मान बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इन सब में, अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हुम्पी, जो टूर्नामेंट में चौथी वरीयता प्राप्त हैं, भारतीय दल का नेतृत्व कर रही हैं। उनके साथ हरिका द्रोणावल्ली (10वीं वरीयता), वैशाली रमेशबाबू (11वीं वरीयता) और दिव्या देशमुख (15वीं वरीयता) जैसी प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी हैं, जिन्हें पहले दौर में बाई मिली है, जो उनकी पिछली उपलब्धियों का सम्मान है।

वंतिका अग्रवाल (39वीं), पद्मिनी राउत (52वीं), पीवी नंदिधा (55वीं), प्रियंका के (93वीं) और किरण मनीषा मोहंती (101वीं) भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने को बेताब हैं। 2023 विश्व कप में हरिका का क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना बताता है कि भारतीय खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं और इस बार तो उनकी संख्या और ऊर्जा दोनों ही बढ़ी हुई दिख रही हैं।

दांव पर विश्व चैंपियन का ताज: एक टिकट कैंडिडेट्स का

इस विश्व कप में जीतना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इससे भी बढ़कर कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाना है। यह एक ऐसा मौका है जो सीधे विश्व चैंपियनशिप के द्वार खोलता है। पुरस्कार राशि भी कम नहीं – विश्व कप विजेता को 50,000 अमेरिकी डॉलर और कुल 691,250 अमेरिकी डॉलर का भारी भरकम पुरस्कार पूल खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त प्रेरणा का काम करेगा। यहां हर चाल, हर निर्णय मायने रखता है, क्योंकि दांव पर सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक सुनहरे भविष्य की नींव है।

वैश्विक रणभूमि: कौन हैं प्रमुख दावेदार?

विश्व कप का मंच वैश्विक प्रतिभाओं से भरा है। चीन की लेई टिंगजी, झू जिंगर और टैन झोंग्यी शीर्ष तीन वरीयता प्राप्त खिलाड़ी हैं, जो अपने देश के लिए परचम लहराने को तैयार हैं। पिछली विश्व कप विजेता अलेक्जेंड्रा गोरियाचकिना (छठी वरीयता) भी अपनी मजबूत फॉर्म के साथ मैदान में हैं, हालांकि उन्होंने पहले ही कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है, जिससे किसी और खिलाड़ी के लिए रास्ता खुल सकता है।

हुम्पी के अलावा, यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक, जिन्होंने हाल ही में नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट जीता था, भी एक प्रबल दावेदार हैं। विश्व चैंपियन जू वेंजुन की अनुपस्थिति ने इस दौड़ को और भी खुला और अप्रत्याशित बना दिया है, जिससे हर मैच रोमांचक होने की उम्मीद है। यह शतरंज का खेल है, और यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है, यही इसकी खूबसूरती है।

भारतीय खिलाड़ियों के लिए संभावित चुनौतियां

भारतीय खिलाड़ियों के लिए रास्ता आसान नहीं है। चौथे दौर में ही दिव्या देशमुख को चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त टैन झोंग्यी (जो इस साल की शुरुआत में विश्व चैंपियनशिप मैच हार चुकी थीं) जैसी मजबूत प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह, वैशाली का सामना गत चैंपियन गोरियाचकिना से होने की संभावना है, जबकि हुम्पी को स्विट्जरलैंड की अलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक और हरिका को कटेरीना लाग्नो जैसी शीर्ष खिलाड़ियों से भिड़ना पड़ सकता है। ये मुकाबले सिर्फ खेल नहीं, बल्कि धैर्य, रणनीति और दृढ़ संकल्प की कसौटी होंगे, जहां हर भारतीय खिलाड़ी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना होगा।

प्रारूप: मानसिक मैराथन का ब्लिट्ज थ्रिल

यह विश्व कप नॉकआउट प्रारूप में खेला जा रहा है, जिसमें फाइनल से पहले छह राउंड होंगे। 107 खिलाड़ियों के मैदान में, शीर्ष 21 वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों को पहले दौर में बाई मिली है। यह क्लासिकल शतरंज का इवेंट है, लेकिन टाई-ब्रेक में खेल का रोमांच और दबाव चरम पर पहुंच जाता है।

  • क्लासिकल खेल: प्रत्येक खिलाड़ी को शुरुआत में 90 मिनट मिलते हैं, 40वीं चाल के बाद 30 मिनट का अतिरिक्त समय और पहली चाल से हर चाल पर 30 सेकंड का इंक्रीमेंट। दो क्लासिकल खेल, हर रंग के साथ एक।
  • टाई-ब्रेक का रोमांच: यदि क्लासिकल गेम 1-1 से बराबरी पर रहते हैं, तो मैच का रोमांच टाई-ब्रेक में बदल जाता है:

    • पहले दो रैपिड गेम (25 मिनट + 10 सेकंड इंक्रीमेंट)।
    • यदि फिर भी टाई, तो दो और रैपिड गेम (10 मिनट + 10 सेकंड इंक्रीमेंट)।
    • इसके बाद भी टाई रहने पर, दो ब्लिट्ज गेम (5 मिनट + 3 सेकंड इंक्रीमेंट)।
    • और अंत में, यदि बराबरी बनी रहती है, तो एक `सडन डेथ` ब्लिट्ज गेम (3 मिनट + 2 सेकंड इंक्रीमेंट) खेला जाएगा। खिलाड़ी लॉटरी से रंग तय करेंगे, और यदि यह गेम भी ड्रॉ होता है, तो रंग बदलकर तब तक खेला जाएगा जब तक निर्णायक परिणाम न मिल जाए।

यह प्रारूप खिलाड़ियों के मानसिक लचीलेपन, दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता और त्वरित निर्णय लेने की कला की असली परीक्षा है। शांत दिखने वाले शतरंज के इस खेल में, टाई-ब्रेक के दौरान खिलाड़ी के दिल की धड़कनें किसी एथलीट से कम नहीं होतीं!

FIDE महिला विश्व कप 2025 सिर्फ एक शतरंज प्रतियोगिता नहीं है, यह जुनून, प्रतिभा और दृढ़ता का उत्सव है। भारतीय खिलाड़ी पूरी तैयारी के साथ इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। आने वाले हफ्तों में, बटुमी की बिसात पर इतिहास रचा जाएगा, और हम उम्मीद करते हैं कि हमारी `शेरनियां` न केवल शानदार प्रदर्शन करेंगी, बल्कि शतरंज की दुनिया में भारत का नाम भी रोशन करेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन दबाव में बेहतरीन प्रदर्शन करता है और कौन कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए अपनी जगह पक्की करता है। सभी मैच FIDE के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम होंगे, तो इस रोमांचक सफर के गवाह बनने के लिए तैयार रहिए!

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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