बर्मिंघम के एजबेस्टन में चल रहे भारत और इंग्लैंड के दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने पूरी तरह से दबदबा बना लिया है। चौथे दिन चायकाल तक भारत ने अपनी दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 304 रन बना लिए थे और इंग्लैंड पर 484 रनों की एक विशाल बढ़त हासिल कर ली थी। इस शानदार प्रदर्शन के हीरो रहे युवा बल्लेबाज शुभमन गिल, जिन्होंने मैच का अपना दूसरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया।
शुभमन गिल इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ महान सुनील गावस्कर ने किया था। गिल ने 100 रन (नॉट आउट) बनाकर टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचाया। उनका यह शतक ना सिर्फ निजी उपलब्धि है, बल्कि टीम इंडिया के लिए जीत की राह खोलने वाला साबित हो रहा है।
भारत की बढ़त को बढ़ाने में शुभमन गिल के साथ ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंत ने अपनी आक्रामक शैली में बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 48 गेंदों पर तेजतर्रार अर्धशतक जड़ा। गिल और पंत के बीच चौथे विकेट के लिए 110 रनों की साझेदारी हुई। इसके बाद गिल ने जडेजा के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 68 रन जोड़े, जिसने भारत को 300 के पार पहुंचाया।
चौथे दिन की शुरुआत भारत ने अच्छी की थी। सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने भी जुझारू अर्धशतक बनाया था, लेकिन वह ज्यादा देर टिक नहीं पाए। करुण नायर भी कुछ खास नहीं कर सके। हालांकि, इसके बाद आए बल्लेबाजों ने रन गति को बनाए रखा और लगातार रन जोड़ते रहे। सत्र के दौरान ऋषभ पंत ने कई आकर्षक और जोखिम भरे शॉट्स खेले। उन्हें कुछ मौके मिले भी, लेकिन उन्होंने उसका फायदा उठाते हुए तेजी से रन बनाए।
शुभमन गिल ने धैर्य और आक्रामकता का सही मिश्रण दिखाते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाया और महत्वपूर्ण शतक पूरा किया। इंग्लिश गेंदबाजों, खासकर जोश टंग और शोएब बशीर ने कोशिशें कीं, लेकिन वे भारतीय बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान नहीं कर पाए। चायकाल तक भारत का स्कोर 4 विकेट पर 304 रन था। शुभमन गिल 100 और रवींद्र जडेजा 38 रन बनाकर क्रीज पर थे।
484 रनों की बढ़त के साथ भारत अब मैच जीतने की स्थिति में आ गया है और इंग्लैंड के सामने एक पहाड़ जैसा लक्ष्य रखने की तैयारी में है। शुभमन गिल का यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा संकेत है। उनकी क्लास और धैर्य ने एक मुश्किल पिच पर टीम को मुश्किल से निकालकर जीत के दरवाजे पर खड़ा कर दिया है। अब देखना है कि इंग्लैंड की टीम इस विशाल लक्ष्य का पीछा कैसे करती है।