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नीदरलैंड्स के विजक आन ज़ी में चल रहे प्रतिष्ठित टाटा स्टील मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट का आठवां राउंड भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए खास था। इस राउंड में दो युवा भारतीय सुपरस्टार, आर प्रज्ञानानंदा और डी गुकेश, आमने-सामने थे। यह सिर्फ एक मुकाबला नहीं था, बल्कि लीडरबोर्ड के शीर्ष पर जगह बनाने की सीधी लड़ाई थी। उम्मीद के मुताबिक, दोनों खिलाड़ियों के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिला, जो अंततः ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
सफ़ेद मोहरों से खेल रहे प्रज्ञानानंदा ने बर्लिन डिफेंस का सामना किया। खेल की शुरुआत में उनकी स्थिति कागज़ पर थोड़ी बेहतर लग रही थी, लेकिन काले मोहरों से खेल रहे गुकेश ने अपनी रक्षा पंक्ति मज़बूत रखते हुए एक प्यादे की चतुराई भरी कुर्बानी दी। यह चाल उन्हें खेल में वापस लाई और उन्हें प्रति-चालें चलने का मौका मिला। प्रज्ञानानंदा ने इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश ज़रूर की, लेकिन गुकेश का बचाव अटूट रहा। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा और रानियों की अदला-बदली हुई, खिलाड़ी रुक और माइनर पीस एंडगेम में पहुंचे। यहाँ गुकेश ने बेहतरीन तकनीक का प्रदर्शन किया और एक `बाहर निकला हुआ प्यादा` (outside passed pawn) बनाने में सफल रहे। इस स्थिति में प्रज्ञानानंदा के रुक का मुख्य कार्य सिर्फ उस प्यादे को आगे बढ़ने से रोकना रह गया था। जब एक रुक को सिर्फ एक प्यादे को रोकना हो, तो अक्सर परिणाम ड्रॉ ही होता है, और 33 चालों के बाद यही हुआ। दोनों युवा खिलाड़ी अंक बांटने पर सहमत हो गए।
इस ड्रॉ के बाद, प्रज्ञानानंदा और गुकेश दोनों के 5.5 अंक हो गए हैं। उज्बेकिस्तान के नजीरबेक अब्दुसत्तोरोव भी 5.5 अंकों के साथ उनके साथ शीर्ष पर हैं। टाई-ब्रेक नियमों के आधार पर फिलहाल गुकेश पहले, अब्दुसत्तोरोव दूसरे और प्रज्ञानानंदा तीसरे स्थान पर हैं। भारतीय खिलाड़ियों का शीर्ष तीन में होना देश के लिए गौरव का पल है, और यह दिखाता है कि भारतीय शतरंज सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आठवें राउंड में केवल दो खिलाड़ियों ने पूरी बाज़ी मारी – फैबियानो कारुआना और गत चैंपियन वेई यी। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ने काले मोहरों से खेलते हुए जीत दर्ज की। ये जीतें ऐसे समय में आईं जब टूर्नामेंट में लगातार ड्रॉ का सिलसिला चल रहा था, जिससे लग रहा था कि यह राउंड भी शायद ड्रॉ के नाम रहेगा। लेकिन इन दो परिणामों ने दिखाया कि इस टूर्नामेंट में कुछ भी संभव है। फैबियानो और वेई यी अब 4.5 अंकों के साथ लीडर से सिर्फ एक अंक पीछे हैं, और अभी भी दौड़ में बने हुए हैं।
अन्य मुकाबलों पर नज़र डालें तो, उज्बेकिस्तान के अब्दुसत्तोरोव ने स्लोवेनिया के व्लादिमीर फेडोसीव के साथ शांतिपूर्ण ढंग से अंक बांटे। यह मुकाबला काफी तेज़ी से खेला गया, जिसमें लगभग 30 चालें महज़ 15 मिनट के अंदर ही चल दी गईं, जिसके बाद खेल ड्रॉ की ओर बढ़ गया। फेडोसीव अब 5.0 अंकों के साथ लीडर समूह के और करीब आ गए हैं।
अन्य भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की बात करें तो, ग्रैंडमास्टर पेंटाला हरिकृष्णा का मुकाबला नीदरलैंड्स के शीर्ष खिलाड़ी अनीश गिरी से हुआ और यह भी ड्रॉ रहा। रुई लोपेज ओपनिंग की अरखेंगेल्स्क वेरिएशन में काले मोहरों से खेलते हुए हरिकृष्णा को शुरुआती मध्य खेल में सहजता से बराबरी मिल गई। मोहरों की तेज़ी से अदला-बदली हुई और खिलाड़ी बिल्कुल बराबरी वाले रुक और प्यादों के एंडगेम में पहुंचे, जहाँ ड्रॉ एक न्यायसंगत परिणाम था। हरिकृष्णा अब 4.0 अंकों पर हैं, जबकि अनीश गिरी लगातार सातवें ड्रॉ के बाद 3.5 अंक पर हैं। युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने सर्बिया के एलेक्सी सराणा के साथ ड्रॉ खेला, जबकि लियोन ल्यूक मेंडोंका का मुकाबला नीदरलैंड्स के जॉर्डन वैन फोररेस्ट से ड्रॉ रहा। अर्जुन 2.0 अंकों पर हैं, और लियोन 2.5 अंकों पर हैं।
राउंड 8 के बाद स्टैंडिंग इस प्रकार है:
- डोम्माराजू गुकेश: 5.5
- नजीरबेक अब्दुसत्तोरोव: 5.5
- आर प्रज्ञानानंदा: 5.5
- व्लादिमीर फेडोसीव: 5.0
- फैबियानो कारुआना: 4.5
- वेई यी: 4.5
- एलेक्सी सराणा: 4.5
- पेंटाला हरिकृष्णा: 4.0
- अनीश गिरी: 3.5
- जॉर्डन वैन फोररेस्ट: 3.0
- मैक्स वार्मरडम: 3.0
- विंसेंट कीमर: 3.0
- लियोन ल्यूक मेंडोंका: 2.5
- अर्जुन एरिगैसी: 2.0
आठवें राउंड ने लीडरबोर्ड के शीर्ष पर स्थिति को काफी हद तक अपरिवर्तित रखा है, लेकिन कारुआना और वेई यी की जीत ने उन्हें फिर से दौड़ में शामिल कर लिया है। टूर्नामेंट अब अपने निर्णायक चरणों की ओर बढ़ रहा है, और आने वाले राउंड्स में हर बाज़ी रोमांचक होने की उम्मीद है। भारतीय खिलाड़ियों से देश को काफी उम्मीदें हैं, और वे शानदार प्रदर्शन करते हुए नज़र आ रहे हैं।
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