शतरंज की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में से एक, टाटा स्टील शतरंज मास्टर्स 2025, का समापन बेहद नाटकीय और रोमांचक तरीके से हुआ। भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने एक कड़े मुकाबले में साथी भारतीय और मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश को टाई-ब्रेक में मात देकर प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया। यह टूर्नामेंट नीदरलैंड्स के वाइज़िक आन ज़ी शहर में आयोजित हुआ, जहां अंतिम क्षणों तक अनिश्चितता बनी रही।
टूर्नामेंट के 13वें और अंतिम राउंड की शुरुआत दो युवा भारतीयों, गुकेश और प्रज्ञानानंद के संयुक्त नेतृत्व के साथ हुई थी। सबको उम्मीद थी कि शायद क्लासिकल खेल में ही किसी एक का पलड़ा भारी होगा, लेकिन शतरंज की बिसात पर आखिरी दिन खूब ड्रामा देखने को मिला। जहां डी गुकेश को अर्जुन एरिगैसी के हाथों अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा, वहीं प्रज्ञानानंद भी विन्सेंट केयमर के खिलाफ एक मैराथन मुकाबले में हार गए। इस तरह, दोनों खिलाड़ी 8.5 अंकों के साथ बराबरी पर रहे और खिताब का फैसला टाई-ब्रेक से होना तय हुआ।
टाई-ब्रेक का महासंग्राम: बिजली की गति और दिमागी कसरत
नियमों के अनुसार, टाई-ब्रेक में पहले ब्लिट्ज़ (Blitz) के दो मुकाबले खेले गए। पहले ब्लिट्ज़ गेम में, काले मोहरों से खेल रहे प्रज्ञानानंद ने शुरुआत में थोड़ी बढ़त बनाई, लेकिन गुकेश ने सूझबूझ दिखाते हुए गेम को बराबरी पर ला दिया। अंतिम क्षणों में, समय की कमी के दबाव में प्रज्ञानानंद ने एक प्यादे की चूक की, जिसका फायदा उठाकर गुकेश ने गेम जीत लिया। विश्व चैंपियन के तौर पर गुकेश की पहली हार, वो भी क्लासिकल फॉर्मेट में, शायद उनके लिए एक छोटा झटका था, लेकिन टाई-ब्रेक की शुरुआत उन्होंने जीत के साथ की।
दूसरे ब्लिट्ज़ गेम में, प्रज्ञानानंद सफेद मोहरों के साथ उतरे। उन्होंने शुरुआत से ही दबाव बनाना शुरू किया और धीरे-धीरे बेहतर स्थिति हासिल कर ली। गुकेश को मुश्किल में देखकर समय की कमी उनके ऊपर हावी हो गई। अंतिम 10 सेकंड में हुई एक गंभीर चूक ने प्रज्ञानानंद को निर्णायक बढ़त दिला दी। प्रज्ञानानंद ने बिना कोई गलती किए गेम को अपने पक्ष में मोड़ा और गुकेश को हार मानने पर मजबूर कर दिया। ब्लिट्ज़ मुकाबले 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुए, और अब फैसला सडन डेथ (Sudden Death) से होना था।
सडन डेथ: जहाँ एक गलती खेल खत्म कर देती है
सडन डेथ का नियम और भी रोमांचक होता है – जो जीते वो चैंपियन। प्रज्ञानानंद सफेद मोहरों के साथ खेले। खेल की शुरुआत में गुकेश के पास एक प्यादे की बढ़त थी, लेकिन बोर्ड पर मोहरों की संख्या कम होने के कारण स्थिति लगभग बराबर लग रही थी। अंतिम दस सेकंड के बेहद तनावपूर्ण समय में, गुकेश ने शायद दोहराव से बचने की कोशिश में एक बड़ी गलती कर दी, जिससे प्रज्ञानानंद को निर्णायक बढ़त मिल गई। विश्व चैंपियन ने वापसी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी, लेकिन प्रज्ञानानंद ने शांत रहते हुए अपनी बढ़त को जीत में बदला। स्थिति जब पूरी तरह हार वाली हो गई, तो गुकेश ने अपनी कुर्सी पर पीछे टेक लगाई, अपनी हार स्वीकार की और प्रज्ञानानंद से हाथ मिलाया।
इस जीत के साथ, आर प्रज्ञानानंद टाटा स्टील शतरंज मास्टर्स 2025 के चैंपियन बन गए। टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा, उन्होंने कई प्रभावशाली जीतें हासिल कीं और लाइव रेटिंग्स में भी ऊपर गए। दूसरी ओर, डी गुकेश, जो अंतिम राउंड तक अजेय रहे थे, अंतिम दिन की हार और टाई-ब्रेक में मिली शिकस्त से निश्चित रूप से निराश होंगे, लेकिन विश्व चैंपियन के तौर पर उनका यह पहला टूर्नामेंट भी सीखने वाला रहा।
इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर दिखाया कि भारतीय शतरंज युवा प्रतिभाओं से भरा हुआ है और ये खिलाड़ी विश्व स्तर पर लगातार अपनी छाप छोड़ रहे हैं। अर्जुन एरिगैसी की विश्व चैंपियन के खिलाफ जीत और पेंटाला हरिकृष्णा का अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ ड्रॉ भी अंतिम परिणाम को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण रहा। नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव भी खिताब की दौड़ में थे, लेकिन अंतिम राउंड में ड्रॉ ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि चैंपियन इस बार भारतीय ही बनेगा।
अंतिम स्टैंडिंग (क्लासिकल गेम्स के बाद):
- आर प्रज्ञानानंद: 8.5
- डी गुकेश: 8.5
- नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव: 8
- व्लादिमीर फेडोसेव: 7.5
- वेई यी: 7
- अनीश गिरी: 7
- पेंटाला हरिकृष्णा: 6.5
- फैबियानो कारुआना: 6
- विन्सेंट केयमर: 6
- जॉर्डन वैन फॉरेस्ट: 5.5
- एलेक्सी सरना: 5.5
- अर्जुन एरिगैसी: 5.5
- लियोन ल्यूक मेंडोन्का: 5
- मैक्स वार्मरडैम: 4.5
यह टूर्नामेंट भारतीय शतरंज के लिए एक और मील का पत्थर साबित हुआ है, जिसमें शीर्ष स्थानों पर युवा भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिला।