टी20 विश्व कप 2026: जिम्बाब्वे और नामीबिया ने हासिल किया गौरव, अफ्रीकी क्रिकेट का नया अध्याय!

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Brian Bennett plays a shot, Zimbabwe vs Sri Lanka, 1st T20I, Harare, September 3, 2025

फाइल फोटो – ब्रायन बेनेट ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से पावरप्ले में दबदबा बनाया।

क्रिकेट के खेल में अक्सर कुछ कहानियाँ इतनी प्रेरणादायक होती हैं कि वे दशकों तक याद रखी जाती हैं। अफ्रीका से ऐसी ही दो कहानियाँ सामने आई हैं, जहाँ जिम्बाब्वे और नामीबिया ने 2026 पुरुषों के टी20 विश्व कप के लिए सफलतापूर्वक क्वालीफाई कर लिया है। हरारे में आयोजित आईसीसी के अफ्रीका क्वालिफायर में इन दोनों टीमों ने न केवल अपनी योग्यता साबित की, बल्कि अपने प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों का दिल भी जीत लिया। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट में जीत नहीं है, बल्कि अफ्रीकी क्रिकेट के लिए वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का एक सुनहरा अवसर है।

जिम्बाब्वे का शानदार अभियान: `एकतरफा` जीत की कहानी

जब बात क्रिकेट में दबाव झेलने की आती है, तो जिम्बाब्वे की टीम ने अपने सेमी-फाइनल मुकाबले में केन्या के खिलाफ इसे बखूबी करके दिखाया। उन्होंने केन्या को महज 122 रनों पर रोकने के बाद, इस लक्ष्य का पीछा 15 ओवरों में सिर्फ तीन विकेट खोकर कर लिया। यह सिर्फ जीत नहीं थी, बल्कि एकतरफा दबदबा था, जो दर्शाता है कि जिम्बाब्वे की टीम कितनी तैयार है।

जिम्बाब्वे 123/3 (बेनेट 51, विराज 2-29) ने केन्या 122/6 (राकेप 65, मुजारबानी 2-19) को सात विकेट से हराया।

जीत की नींव बल्लेबाजों ने रखी, खासकर सलामी बल्लेबाज ब्रायन बेनेट ने। उन्होंने और तदिवनशे मारुमनी ने मिलकर पहले छह ओवरों में ही 70 रन ठोक दिए। बेनेट ने तो 25 गेंदों पर 51 रन की धुआंधार पारी खेली, जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल था। केन्याई गेंदबाज लुकास ओलुच के एक ओवर में उन्होंने लगातार छह चौके जड़कर विपक्षी टीम के होश उड़ा दिए। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उस पल, केन्या के लिए मैच लगभग हाथ से निकल चुका था। बेनेट इस टूर्नामेंट के अब तक के शीर्ष स्कोरर हैं, जिन्होंने चार पारियों में 74.75 की औसत और 184.56 के स्ट्राइक रेट से 299 रन बनाए हैं। कौन कहता है कि एसोसिएट नेशंस में `पावर-हिटर्स` नहीं होते?

मारुमनी ने भी 27 गेंदों पर 39 रन बनाकर उनका साथ दिया। कप्तान सिकंदर रजा के जल्दी आउट होने के बावजूद, रियान बर्ल और टोनी मुनयोंगा ने बिना किसी और परेशानी के जीत सुनिश्चित की। गेंदबाजी में, ब्लेसिंग मुजारबानी ने चार ओवरों में सिर्फ 19 रन देकर दो विकेट लिए, जो केन्या को बड़े स्कोर तक पहुंचने से रोकने में महत्वपूर्ण था। केन्या के लिए राकेप पटेल ने 47 गेंदों में 65 रनों की जुझारू पारी खेली, लेकिन वह अकेले दम पर टीम को जीत नहीं दिला सके।

नामीबिया की अनूठी उपलब्धि: ऑल-राउंड प्रदर्शन का जादू

नामीबिया ने भी तंजानिया के खिलाफ अपने सेमी-फाइनल मुकाबले में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 63 रनों से जीत दर्ज कर विश्व कप में अपनी जगह पक्की की। यह उनकी चौथी टी20 विश्व कप उपस्थिति होगी, जो एक एसोसिएट नेशन के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। 2021 (सुपर 12), 2022 (ग्रुप स्टेज) और 2024 (ग्रुप स्टेज) के बाद, अब वे 2026 में एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने को तैयार हैं।

नामीबिया 174/6 (स्मट 61*, इरास्मस 55, जुमा 2-29, किमोते 2-41) ने तंजानिया 111/8 (पटवा 31, स्मट 3-16, शिकोंगो 3-21) को 63 रनों से हराया।

तंजानिया के कप्तान कासिम नसोरो ने टॉस जीतकर नामीबिया को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया, लेकिन यह फैसला उन पर भारी पड़ गया। हालांकि नामीबिया की शुरुआत खराब रही और पावरप्ले में ही चार विकेट गिर गए, लेकिन कप्तान गेरहार्ड इरास्मस और जेजे स्मिट ने पारी को संभाला। इरास्मस ने 41 गेंदों में 55 रन (छह चौके) बनाए, जबकि स्मिट ने 43 गेंदों में 61 रन (एक चौका, चार छक्के) की नाबाद पारी खेलकर टीम को 174 रनों के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। ऐसा लग रहा था मानो स्मिट ने ठान लिया था कि वे सिर्फ बल्लेबाजी से नहीं, बल्कि हर तरह से मैच जिताएंगे।

गेंदबाजी में भी जेजे स्मिट का जलवा बरकरार रहा। उन्होंने तंजानिया के शीर्ष क्रम को ध्वस्त करते हुए लगातार दो गेंदों पर अरुण यादव और ध्रुमित मेहता के विकेट चटकाए, और अंततः 16 रन देकर तीन विकेट लिए। बेन शिकोंगो ने भी 21 रन देकर तीन विकेट लेकर उनका बखूबी साथ निभाया। तंजानिया की ओर से कुछ छोटे-मोटे प्रतिरोध तो हुए, लेकिन वे मैच का रुख बदलने के लिए पर्याप्त नहीं थे, और वे अपने पूरे ओवर खेलने के बावजूद 63 रन पीछे रह गए।

अफ्रीकी क्रिकेट का बढ़ता कद

जिम्बाब्वे और नामीबिया का क्वालीफाई करना अफ्रीकी क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। दक्षिण अफ्रीका पहले ही सीधे क्वालीफाई कर चुका है, और अब इन दो टीमों के जुड़ने से टी20 विश्व कप में अफ्रीकी देशों की मजबूत उपस्थिति देखने को मिलेगी। यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र में क्रिकेट का स्तर लगातार बढ़ रहा है और नए टैलेंट उभरकर सामने आ रहे हैं।

यह सिर्फ दो टीमों की जीत नहीं, बल्कि अफ्रीकी महाद्वीप में क्रिकेट के बढ़ते जुनून और प्रतिभा का प्रमाण है। विश्व कप में उनका प्रदर्शन निश्चित रूप से कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा और खेल को और लोकप्रिय बनाएगा। आने वाले समय में, इन टीमों से और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि वे वैश्विक मंच पर खुद को साबित करने के लिए उत्सुक होंगी।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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