टिम रॉबिन्सन: ज़िम्बाब्वे का स्टेक और हरारे में क्रिकेट का जादू

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क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ी अक्सर अपनी जीत का श्रेय कड़ी मेहनत, अथक अभ्यास या कभी-कभी किस्मत को देते हैं। लेकिन न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज टिम रॉबिन्सन के लिए, उनकी हालिया करियर-सर्वश्रेष्ठ पारी का रहस्य शायद रसोई में, खास तौर पर एक स्वादिष्ट व्यंजन में छिपा था। हाँ, आपने सही सुना – ज़िम्बाब्वे का प्राइम बीफ़ स्टेक!

हरारे में बुधवार (16 जुलाई) को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ न्यूजीलैंड के टी20ई त्रिकोणीय श्रृंखला मैच में रॉबिन्सन ने 57 गेंदों पर नाबाद 75 रन बनाए। यह एक ऐसी पारी थी जिसने न्यूजीलैंड को 21 रनों की शानदार जीत दिलाई। मैच के बाद, रॉबिन्सन ने अपने प्रदर्शन का श्रेय बड़े ही मजाकिया अंदाज में ज़िम्बाब्वे के लजीज स्टेक को दिया।

स्टेक से मिली शक्ति: रॉबिन्सन का पसंदीदा ईंधन

रॉबिन्सन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “ज़िम्बाब्वे, एक देश के तौर पर, मुझे अब तक बहुत पसंद आया है। यहाँ का मौसम शानदार है और लोग बहुत अच्छे और मिलनसार हैं। और मुझे यहाँ के सभी स्टेक बहुत पसंद हैं। यह मेरा पसंदीदा है। मुझे यहाँ का लाल मांस बहुत अच्छा लगता है; यह शानदार है।” यह सुनकर कोई भी सोच में पड़ सकता है कि क्या भविष्य में क्रिकेट अकादमियों में पोषण विशेषज्ञों के साथ-साथ एक अनुभवी रसोइया को भी शामिल करना पड़ेगा!

पारी का विस्तार: साझेदारी और वापसी की कहानी

न्यूजीलैंड की शुरुआत खराब रही थी, जब 17 गेंदों पर 27/1 के स्कोर के साथ रॉबिन्सन नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने आए। टीम ने अगले 40 गेंदों में 43 रन पर चार और विकेट खो दिए, जिससे स्कोर 70/5 हो गया। यह एक ऐसी स्थिति थी जहाँ अधिकांश टीमें घुटने टेक देती हैं। लेकिन तभी रॉबिन्सन को पदार्पण कर रहे बेवन जैकब्स का साथ मिला। दोनों ने मिलकर 103 रनों की अटूट साझेदारी की, जिससे कीवी टीम का स्कोर सम्मानजनक 173/5 तक पहुंच गया।

रॉबिन्सन ने उस मुश्किल क्षण को याद करते हुए कहा, “जब हमने शुरुआती विकेट गंवाए तो हम संघर्ष कर रहे थे। बेवन और मैंने सोचा कि हम जितना अधिक समय क्रीज पर बिताएंगे, रन उतने ही आसानी से आएंगे। हम और विकेट गंवाने का जोखिम नहीं उठा सकते थे, इसलिए हम इसे जितना हो सके, उतना गहराई तक ले जाने की कोशिश कर रहे थे।” उनकी रणनीति कारगर साबित हुई, और यह धैर्य, सिर्फ स्टेक से ही नहीं, बल्कि खेल की गहरी समझ से भी आया होगा।

गेंदबाजी का कमाल और जीत की मुहर

निर्धारित लक्ष्य का बचाव करते हुए, न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। मैट हेनरी और जैकब डफी ने तीन-तीन विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को 18.2 ओवर में 152 रनों पर ढेर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बेवन जैकब्स: एक promising पदार्पण

प्रिटोरिया में जन्मे जैकब्स, जिन्होंने 30 गेंदों पर नाबाद 44 रन बनाए, के साथ अपनी साझेदारी के बारे में रॉबिन्सन ने कहा, “वह काफी बड़े हैं और आपको लगता है कि उन्हें बड़ी गेंद मारनी चाहिए, और वह निश्चित रूप से ऐसा करते हैं। वह बहुत शांत थे और वाकई इसका आनंद लेते दिखे। वह पूरी तरह सहज दिखे। मुझे लगता है कि वह भविष्य में बहुत क्रिकेट खेलेंगे।”

जैकब्स को इस साल की आईपीएल नीलामी में मुंबई इंडियंस ने खरीदा था, लेकिन उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। शायद मुंबई इंडियंस को नहीं पता था कि उनके पास एक ऐसा खिलाड़ी है जो अपने पदार्पण पर ही दबाव में आकर भी शानदार प्रदर्शन कर सकता है। खैर, कभी-कभी टीमों को प्रतिभा को पहचानने में थोड़ा समय लगता है, या फिर सही `ईंधन` का इंतजार होता है।

रॉबिन्सन का दर्शन: जमीन से जुड़े रहने की कला

अपने स्वयं के दृष्टिकोण पर, रॉबिन्सन ने कहा, “एक क्रिकेटर के रूप में आपको एक काम करना होता है कि आप जितना हो सके, उतना जमीन से जुड़े रहें – जहाँ आपके पैर हैं, वहीं रहें और जो गेंद आपके पास आती है, उसे खेलने की कोशिश करें।” यह एक सरल लेकिन गहरा दर्शन है, जो किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक है। जीत में योगदान देना एक नशीला एहसास है, जिसे रॉबिन्सन दोहराना चाहते हैं।

प्रशंसकों का अनोखा समर्थन: क्रिकेट की कूटनीति

हरारे स्पोर्ट्स क्लब में न्यूजीलैंड के लिए दर्शकों का समर्थन स्पष्ट था। रॉबिन्सन ने भी इसे नोटिस किया। उन्होंने शुरुआत में सोचा कि यह न्यूजीलैंड के खेलने के तरीके और दूसरों के साथ व्यवहार करने की इच्छा का एक प्रमाण है। लेकिन क्रिकेट की दुनिया में कई बार सतह पर दिखने वाली बात पूरी सच्चाई नहीं होती।

यहाँ एक दिलचस्प मोड़ आता है। सच्चाई शायद यह है कि स्थानीय लोग न्यूजीलैंड का समर्थन इसलिए कर रहे थे क्योंकि वे दक्षिण अफ्रीका नहीं थे। लिम्पोपो नदी के उत्तर में लंबे समय से एक असंतोष का माहौल है कि ज़िम्बाब्वे के लोगों को उनके बड़े भाई, दक्षिण अफ्रीका से अक्सर सम्मान नहीं मिलता, क्योंकि वे उनसे अक्सर खेलते नहीं हैं। दरअसल, मौजूदा दौरे से पहले प्रोटियाज़ आखिरी बार सितंबर 2014 में ज़िम्बाब्वे में आए थे।

आप कह सकते हैं कि ज़िम्बाब्वे के लोगों का दक्षिण अफ्रीका से एक पुराना `बीफ़` (यानी झगड़ा) है। और इस बार यह `बीफ़` स्टेक के रूप में मैदान पर टिम रॉबिन्सन के बल्ले से निकल रहा था, जो ज़िम्बाब्वे के लोगों के लिए एक मीठी जीत थी, चाहे वह न्यूजीलैंड के नाम से ही क्यों न आई हो। यह कहानी जितनी क्रिकेट के मैदान की है, उतनी ही उससे बाहर की भी। यह सिर्फ एक खिलाड़ी की पारी नहीं, बल्कि दो पड़ोसी देशों के बीच क्रिकेट रिश्तों की एक बारीक झलक है, जिसे एक स्वादिष्ट स्टेक और एक बेहतरीन पारी ने उजागर किया।

तो अगली बार जब कोई खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करे, तो यह मत भूलिए कि उसके पीछे सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि शायद एक स्वादिष्ट भोजन और क्रिकेट की गहरी, कभी-कभी जटिल, सामाजिक गतिशीलता भी हो सकती है। हरारे में रॉबिन्सन की पारी ने साबित कर दिया कि खेल सिर्फ रन और विकेट का नहीं, बल्कि स्वाद, संबंध और भावनाओं का भी है।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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