विन्सेंट केमर: शतरंज बस एक खेल नहीं, आनंद है!

खेल समाचार » विन्सेंट केमर: शतरंज बस एक खेल नहीं, आनंद है!

युवा जर्मन ग्रैंडमास्टर विन्सेंट केमर, जिन्होंने हाल ही में चेन्नई में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, आज शतरंज की दुनिया में एक नए दृष्टिकोण का प्रतीक बन गए हैं। अक्सर हमने खिलाड़ियों को जीत के जुनून, हार के दर्द या रैंकिंग के दबाव के बारे में बात करते सुना है। लेकिन केमर एक अलग ही धुन पर बजते हैं। उनका सीधा-सादा बयान – “शतरंज कुछ ऐसा है जिसका मैं सच में आनंद लेता हूँ” – उनकी खेल के प्रति गहरी संतुष्टि को दर्शाता है, जो केवल जीत-हार से कहीं ऊपर है।

यह सिर्फ़ एक शौक़ या करियर नहीं, बल्कि उनके लिए एक व्यक्तिगत जुड़ाव है। क्या यह उनका खेल के प्रति अनूठा नज़रिया ही है जो उन्हें इतनी कम उम्र में इतनी सफलता दिला रहा है? जहाँ कुछ खिलाड़ी चौबीसों घंटे शतरंज की बिसात पर ही अपने सपनों को बुनते और तोड़ते रहते हैं, केमर अपनी चालों में सहजता और आनंद की एक ख़ास चमक लेकर आते हैं। यह चमक उन्हें जीत के दबाव से कहीं ज़्यादा प्रेरित करती दिखती है। यह उन लोगों के लिए एक गंभीर विचार है जो हर चीज़ को केवल परिणाम के तराजू पर तौलते हैं: क्या सच्ची सफलता का राज़ उस प्रक्रिया में ही छिपा नहीं, जिसका हम आनंद लेते हैं?

चेन्नई, भारत का शतरंज गढ़, जहाँ केमर ने अपनी ग्रैंडमास्टर जीत दर्ज की, यह उनके लिए एक और मील का पत्थर था। भारतीय दर्शकों ने भी उनके शांत स्वभाव और खेल के प्रति उनके प्रेम को सराहा। यह सिर्फ़ एक टूर्नामेंट जीतना नहीं था, बल्कि यह साबित करना था कि जब आप अपने काम का आनंद लेते हैं, तो परिणाम अपने आप आने लगते हैं। उनकी हर चाल में एक तरह की शांति और स्पष्टता झलकती थी, जो अक्सर अत्यधिक दबाव में गायब हो जाती है। यह शतरंज के तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ मानसिक संतुलन का भी एक बेहतरीन उदाहरण था।

लेकिन जो बात केमर को वाकई भीड़ से अलग करती है, वह है उनकी यह स्वीकारोक्ति कि वह शतरंज के बाहर भी एक जीवन बनाना चाहते हैं। यह एक ऐसी सोच है जो आधुनिक प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में अक्सर खो जाती है। जहाँ कई युवा खिलाड़ी सुबह से शाम तक, और कभी-कभी आधी रात तक, केवल 64 खानों के जाल में फँसे रहते हैं, केमर एक स्वस्थ संतुलन की वकालत करते हैं। यह उनकी मानसिकता को ताज़ा रखता है, बर्नआउट से बचाता है, और शायद यही उन्हें दबाव में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद करता है। आखिर, अगर दिमाग को सांस लेने और रिचार्ज होने का मौका न मिले, तो वह अपनी पूरी क्षमता से काम कैसे करेगा? एक अच्छी किताब पढ़ना, किसी और खेल में हाथ आज़माना या दोस्तों के साथ समय बिताना – ये सब शतरंज के खिलाड़ी के रूप में उनकी क्षमता को कम नहीं करते, बल्कि उसे और निखारते हैं।

विन्सेंट केमर सिर्फ़ एक होनहार शतरंज खिलाड़ी नहीं हैं; वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमें याद दिलाते हैं कि जुनून और आनंद किसी भी क्षेत्र में सफलता की कुंजी हैं। उनका मार्ग युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है: अपने सपनों का पीछा करें, लेकिन जीवन के अन्य रंगों को भी अनदेखा न करें। शतरंज की बिसात पर उनकी अगली चालों का इंतज़ार रहेगा, लेकिन उनकी व्यक्तिगत चालें भी उतनी ही दिलचस्प हैं – जो संतुलन, आनंद और जीवन के व्यापक अनुभव की वकालत करती हैं।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

© 2025 वर्तमान क्रिकेट समाचारों का पोर्टल